2017, Vol. 2, Issue 2
अषà¥à¤Ÿà¤¾à¤— योग पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¾à¤¯à¤¾à¤®, पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤¾à¤¹à¤¾à¤° का मानव जीवन पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ
Author(s): डॉ राजधर चैतà¥à¤°à¤¾à¤® बेडसे
Abstract:
वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ समय मे पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¾à¤¯à¤¾à¤® महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ à¤à¥‚मिका है। सà¥à¤¬à¤¹ दोपहर शाम पूजा सनà¥à¤§à¥à¤¯à¤¾ व पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¾à¤¯à¤¾à¤® अति महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ है। हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं मे समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ धारà¥à¤®à¤¿à¤• कारà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¾à¤¯à¤¾à¤® से ही पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ होते है। इसका आशय है कि पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¾à¤¯à¤¾à¤® के वà¥à¤¦à¤¾à¤°à¤¾ जिस कारà¥à¤¯ मे मन से लग जाते है। उसमे सफलता निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ रूप से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होती है। संसार का पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• संचालन जीवन शकà¥à¤¤à¤¿ होता है। जो इस संसार मे मानसिक विचार के रूप मे रहती है।उसी जीवन शकà¥à¤¤à¤¿ का नाम पà¥à¤°à¤¾à¤£ है। मानव सà¥à¤¨à¤¾à¤¯à¥à¤“ं लगातार निकलने वाले जीवन शकà¥à¤¤à¤¿ को अधिकार लाने की कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ को पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¾à¤¯à¤¾à¤® कहते है। यही पà¥à¤°à¤¾à¤£ शकà¥à¤¤à¤¿ मांसपेशियों का संचालन करती है। पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¾à¤¯à¤¾à¤® वà¥à¤¦à¤¾à¤°à¤¾ शकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को वश में करना योगीयों मà¥à¤–à¥à¤¯ लकà¥à¤·à¥à¤¯ होता है। जो इन शकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को वश मे कर लेता है। वह इस संसार मे ही नही समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ विशà¥à¤µ विजय पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर लेता है। पà¥à¤°à¤¾à¤£ को ही जीवन का महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ अंग है। इसके छोटे-छोटे सिदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¥‹à¤‚ पर समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ विशà¥à¤µ का रूपॠखिायी पड़ता हैं समपूरà¥à¤£ विशà¥à¤µ ही योगी का शसरीर है। जिसके माधà¥à¤¯à¤® से उसका शरीर जीवित रहता है। जीन ततà¥à¤µà¥‹à¤‚ उसका शरीर बना है उनà¥à¤¹à¥€ ततà¥à¤µà¥‹à¤‚ उसकी उतà¥à¤ªà¤¤à¤¿ हà¥à¤ˆ हैं जिससे समपूरà¥à¤£ शकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ संचालन होता हैं।
Pages: 2002-2003 | 742 Views 110 Downloads
How to cite this article:
डॉ राजधर चैतà¥à¤°à¤¾à¤® बेडसे. अषà¥à¤Ÿà¤¾à¤— योग पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¾à¤¯à¤¾à¤®, पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤¾à¤¹à¤¾à¤° का मानव जीवन पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ. Int J Physiol Nutr Phys Educ 2017;2(2):2002-2003.