2019, Vol. 4, Issue 1
मसाज थेरेपी एवं तकनीक
Author(s): Babita
Abstract:
डंेेंहम को मस्तिष्क और शरीर को तनाव मुक्त रखने का एक अचूक नुस्खा माना जाता है। यह मस्तिष्क और शरीर को पुनःजीवन देने का इतना प्राचीन तरीका है कि मसाज के 5000 साल पुराने इतिहासिक प्रमाण भी उपलब्ध हैं। नवजात शिशु से लेकर गर्भवती महिलाओं और युवाओं से लेकर बुजुर्गों के लिए विशेष तरह की मसाज थेरेपियाँ उपलब्ध हैं। मसाज जितनी लाभकारी होती है उतनी ही नुकसान भी उठाने पड़ सकते हैं। यदि मसाज किसी प्रशिक्षित व्यक्ति से न करवाई जाये। मसाज को हम त्वचा का संक्रमण हो या खुले जख्म वाले भागों, सर्जरी के तुरन्त बाद, कीमोथेरेपी, रेडियेशन के तुरंत बाद नहीं करवानी चाहिए। मसाज को एक बेहतरीन हीलर माना जाता है। इसे किसी भी मौसम में किया जा सकता है लेकिन नवम्बर से मार्च के बीच मसाज कराने के बाद गुनगुनी धूप सेकने का एक अलग ही मजा है।
Pages: 2143-2145 | 491 Views 35 Downloads
How to cite this article:
Babita. मसाज थेरेपी एवं तकनीक. Int J Physiol Nutr Phys Educ 2019;4(1):2143-2145.